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Friday, November 18, 2011

फिल्म फेस्टिवल में सॉकर इन सिनेमा.

मुंबई. (देश दुनिया). 23 नवंबर से 42वां भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल शुरू हो रहा है. इसका एक हिस्सा फुटबॉल पर बनी फिल्मों को समर्पित किया गया है. कंपाल फुटबॉल स्टेडियम में ये फिल्में दिखाई जाएंगी, और इस सेक्शन का नाम होगा सॉकर इन सिनेमा. सात दिन तक रोज एक फिल्म दिखाई जाएगी. इसकी शुरुआत भारत के पूर्व फुटबॉल कप्तान बाइचुंग भूटिया करेंगे.कंपाल मैदान के लिए तो यह बरसों बाद जिंदगी में लौटने जैसा है. बर्बादी के कगार पर पहुंच चुके इस मैदान का नाम पहले गोवा के मुख्यमंत्री रहे दयानंद बांडोडकर के नाम पर हुआ करता था. अब इस स्टेडियम को दोबारा बनाया जा रहा है. फिल्मों का सिलसिला 24 नवंबर से शुरू होगा. और वहां दिखाई जाने वाली फिल्में ब्राजील, अर्जेन्टीना, जर्मनी, इटली, फ्रांस और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों से हैं. ये देश फुटबॉल खेलने के लिए जाने जाते हैं. दक्षिण अफ्रीका ने 2010 का वर्ल्ड कप आयोजित किया था और ब्राजील में 2014 का वर्ल्ड कप होगा.गोवा फिल्म फेस्टिवल में इस सेक्शन के जरिए कई मकसद हासिल करने की कोशिश हो रही है. दिल्ली के पत्रकार फैजल खान कहते हैं, "इसके जरिए गोवा के लोगों से जुड़ने की कोशिश हो रही है क्योंकि वे लोग फुटबॉल को बहुत पसंद करते हैं." फेस्टिवल में पहली फिल्म दक्षिण कोरिया की अ बेयरफुट ड्रीम होगी. यह कोच किम सिन-ह्वान की जिंदगी पर आधारित है. इस साल ऑस्कर के लिए विदेशी भाषा सेक्शन में यह फिल्म कोरिया की तरफ से भेजी गई थी. ब्राजील की तरफ से ऑस्कर मारोन की बनाई डॉक्युमेंट्री मारियो फिल्होः द क्रिएटर ऑफ क्राउड्स दिखाई जाएगी. इस फिल्म में पत्रकार मारियो फिल्हो की नजर से ब्राजील में फुटबॉल की दीवानगी को देखने की कोशिश की गई है. फिल्हो ब्राजील में फुटबॉल पर लिखने वाले शुरुआती लोगों में से हैं. उनके नाम पर रियो शहर के मशहूर माराकान स्टेडियम का नाम भी रखा गया है. फिल्म के निर्देशक ऑस्कर मारोन खुद इस फिल्म को पेश करेंगे.अर्जन्टीना फुटबॉल क्लब नाम की डॉक्यूमेंट्री अर्जन्टीना के दो टॉप क्लबों रिवर प्लेट और बोका जूनियर्स की मैदानी दुश्मनी पर आधारित है. यह निर्देशक हुआन पाब्लो रोबियो की फिल्म है जो फिल्म फेस्टिवल के मेहमान भी हैं. इटली की फिल्म फुट ऑफ गॉड की काफी चर्चा है. यह इटली के फुटबॉल में भ्रष्टाचार पर आधारित है. दक्षिण अफ्रीका की तरफ से मोर दैन जस्ट अ गेम में कुछ कैदियों की कहानी सुनाई गई है. जुनैद अहमद की यह फिल्म दिखाती है कि दक्षिण अफ्रीका में रंगभेदी सरकार के राज में कैसे रोबेन द्वीप के कैदियों को फुटबॉल ने जिंदा रहने में मदद की. फ्रांस की फिल्म फुटबॉल के महानायक जिनेदिन जिदान पर आधारित है. जिदानः अ 21स्ट सेंचुरी पोर्ट्रेट में डगलस गॉर्डन और फिलिप पारेनो ने महान फुटबॉलर जिदान की कहानी स्पेन के क्लबों रियाल मैड्रिड और विया रियाल के एक मैच के जरिए सुनाई है. जर्मनी की तरफ से भी एक डॉक्युमेंट्री दिखाई जाएगी. इस साल महिला फुटबॉल विश्व कप के आयोजक जर्मनी की इस फिल्म का नाम है द बेस्ट वुमन इन जर्मनी. यह 2007 में फुटबॉल वर्ल्ड कप जीतने वाली जर्मन महिला फुटबॉल टीम की कहानी है. 

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