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Tuesday, May 29, 2012

बॉलीवुड ने कर दिया बहिष्कार

मुंबई (देश दुनिया)। कॉपीराइट एक्ट में संशोधन की मुहिम चलाना मशहूर गीतकार जावेद अख्तर को काफी महंगा पड़ा है। बॉलीवुड ने उनका बहिष्कार कर दिया है। बड़े-बड़े फिल्म निर्माताओं ने उनसे दूरी बना ली है। अख्तर का कहना है कि पिछले काफी समय से उन्हें काम नहीं मिल रहा है।  सूत्रों के मुताबिक दो साल पहले जब अख्तर ने विधेयक में संशोधन की बात कही थी तभी से फिल्म निर्माताओं ने उन्हें काम देना बंद कर दिया था। निर्माता निर्देशक मुकेश भट्ट ने तो अख्तर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यशराज फिल्म्स, धर्मा प्रोडक्शन जैसे नामी प्रोडक्शन हाउस ने भी उन्हें काम देना बंद कर दिया है। अख्तर संगीत निर्देशकों एवं गीतकारों के काम से हुए लाभ में 12 फीसद हिस्सा के प्रावधान के लिए कापीराइट कानून में सुधार की मांग कर रहे थे।  लोकसभा ने पिछले हफ्ते कापीराइट एक्ट (संशोधन) विधेयक 2012 को मंजूरी दे दी, जिसे राज्यसभा 17 मई को ही पारित कर चुका है। एक्ट में लेखकों की उनकी कृतियों पर अधिकार जताने के विशेष प्रावधान हैं। गीतकार म्यूजिक कंपनियों के साथ रायल्टी पर सौदेबाजी कर सकेंगे। विधेयक किसी भी साहित्य, नाटक या संगीत संबंधी कृति की मूल रिकॉर्डिग के बाद पांच साल तक उसका कवर वर्जन लाने पर पाबंदी लगाता है।  छात्रों को शोध कार्यो के लिए कॉपीराइट एक्ट से छूट है पर पायरेसी करने वालों के लिए जुर्माने के साथ ही दो वर्ष जेल का प्रावधान है। अख्तर का कहना है कि पिछले काफी समय से वह बेरोजगार हैं। अपने बेटे फरहान अख्तर की फिल्म के अलावा उन्होंने किसी फिल्म के लिए गाने नहीं लिखे हैं। कई बड़े निर्माता उनके साथ काम करने को तैयार नहीं है।     

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