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Monday, October 17, 2011

पहले इंकार अब स्वीकार


मुंबई. (देश दुनिया). भारतीय छात्रों के खिलाफ नस्ली हिंसा के विरोध में दो साल पहले ऑस्ट्रेलिया के एक विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि ग्रहण करने से इंकार करने वाले अमिताभ बच्चन ने आखिरकार इसे स्वीकार करने पर हामी भर दी है। ब्रिसबेन की क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी ने 69 वर्षीय अमिताभ को मनोरंजन की दुनिया में उनके योगदान पर डॉक्टरेट की उपाधि देने का प्रस्ताव दिया है। इन दिनों सिडनी में अपनी पहली हॉलीवुड फिल्म द ग्रेट गेट्सबाय की शूटिंग कर रहे अमिताभ ने अपनी ट्वीट में बताया क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी ब्रिसबेन में 20 अक्तूबर को मुझे डॉक्टरेट की उपाधि देने वाली है.. आभार। उन्होंने लिखा है फिल्म की शूटिंग पूरी करने के बाद मानद डॉक्टरेट उपाधि लेने के लिए ब्रिसबेन जाना है। अमिताभ को इसके पहले मानद डॉक्टरेट की तीन उपाधियां मिल चुकी हैं। उन्होंने लिखा है, डी मांटफोर्ट यूनिवर्सिटी, लिसेस्टर, ब्रिटेन के अलावा झांसी विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय से मानद डॉक्टरेट मिलने के बाद ब्रिसबेन से यह उपाधि बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं। अमिताभ ने लिखा है कि कई लोग उनसे पूछते हैं कि क्या अब वह अपने नाम के आगे डॉक्टर लगाएंगे, लेकिन उन्होंने कहा कि वह ऐसा कभी नहीं करेंगे क्योंकि उन्हें लगता है कि इसका इस्तेमाल करने के लिए उनके पिता हरिवंश राय बच्चन सही व्यक्ति थे। 

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