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Saturday, January 21, 2012

इंशाल्लाह कश्मीर फिर से चर्चा में

मुंबई. (देश दुनिया). एक पूर्व कश्मीरी आतंकवादी और उसके 18 वर्षीय फुटबॉलर बेटे की कहानी को लेकर बनी फिल्म इंशाल्लाह फुटबॉल पिछले साल जून में आई थी. लेकिन इस फिल्म को भारतीय सेंसर बोर्ड ने हरी झंडी नहीं दी. इसके बावजूद फिल्म को ए सर्टिफिकेट देकर दुनिया भर में दिखाया गया, वहीं 47वें शिकागो फिल्म फेस्टिवल के अलावा इसे कई फिल्म फेस्टिवल में दिखाया गया और सराहा गया. अब इसके निर्देशक अश्विनी कुमार अपनी नई डॉक्युमेंट्री इंशाल्लाह कश्मीर को लेकर फिर से चर्चा में हैं. भारतीय सेंसर बोर्ड से बचने के लिए उन्होंने नई डॉक्युमेंट्री को इंटरनेट पर फ्री दिखाने का फैसला किया है. यह फिल्म 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर रात 12 बजे से सिर्फ 24 घंटे के लिए इन्टरनेट पर दिखाई जाएगी. माना जा रहा है कि फिल्म कश्मीर के ज्वलंत मुद्दे को फिर से हवा दे सकती है. डॉक्युमेंट्री में दावा किया गया हैकि कश्मीर समस्या के बीच में हम उन लोगों को भूल गए हैं, जो वहां रहते हैं. उनके लिए आजादी के मायने क्या हैं, वे इन सब बातों पर क्या सोचते हैं, इस बारे में हमने जानने की कभी कोशिश नहीं की है. फिल्म निर्देशक अश्विन कुमार कहते है कि कश्मीर के लोगों में भय व्याप्त है. फिल्म डरे हुए लोगों की चौंकाने वाली, दर्दनाक और हृदय विदारक कहानी कहेगी और उन्होंने कहा कि इस सबके लिए जितने जिम्मेदार दहशतगर्द हैं, उतनी ही भारतीय फ़ौज भी. उन्होंने बताया कि इस तरह कश्मीरी लोगों की कहानियों को कैमरे पर उतरना आसान नहीं था. क्योंकि आमतौर पर कश्मीरी खुलेआम बोलने से बचते हैं. और इस वजह से जो सच है सामने नहीं आ पाता. एक ऐसी जगह जिसे कई शायरों और कहानीकारों ने स्वर्ग कहा है. वहां लोगों के अधिकारों का कोई मोल नहीं है.

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