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Saturday, August 20, 2011

साहब बीवी और गैंगस्टर की कहानी

मुंबई.(देश दुनिया). साहब बीवी और गैंगस्टर उत्तर भारत के एक छोटे शहर में रहने वाले एक नवाब, उनकी बेगम और महत्वाकांक्षी लड़के की कहानी है। अपनी पैतृक कोठी में नवाब रहते हैं और उसी शान-शौकत को संभालने की कोशिश में लगे रहते हैं जो उनके पुरखों की थी, लेकिन बदलते समय, आर्थिक परेशानियों और रखैल के यहां जाने जैसे शाही शौकों के कारण नवाब साहब तंगी से गुजर रहे हैं। साथ ही नवाब साहब के राजनैतिक विरोधी गेंदा सिंह ने उनकी नाक में दम कर रखा है। गेंदा वो प्रशासनिक अधिकार चाहता है जो नवाब साहब की रॉयल फैमिली को वर्षों से प्राप्त है।
   नवाब एक खूबसूरत रखैल पर फिदा हैं जिसकी वजह से उनकी बेगम परेशान रहती हैं। बेगम चाहती हैं कि नवाब साहब उनका ध्यान रखें, उनके साथ समय व्यतीत करें, लेकिन नवाब साहब के पास बेगम के लिए वक्त कहां। अपनी लाइफ स्टाइल को मैंटेन रखने के लिए नवाब लोगों के कत्ल करने की सुपारी लेने लगे। पैसों की उन्हें सख्त जरूरत भी है क्योंकि आने वाले चुनाव में उन्हें लड़ना है। 
नवाब साहब की विरोधी पार्टी को उनकी आपराधिक गतिविधियों की भनक लगती है। वे बबलू को बेगम का ड्राइवर बनाकर भेजते हैं क्योंकि कुछ दिनों पहले ही उनके बूढ़े ड्राइवर की एक दुर्घटना में मौत हो जाती है। बबलू का काम है नवाब साहब के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाना। 
 नवाब साहब की उपेक्षा से परेशान बेगम का दिल ड्राइवर पर आ जाता है क्योंकि वह उनके साथ ज्यादा वक्त गुजारता है। दोनों सारी हदों को भी पार कर देते हैं। बबलू को बेगम से प्यार हो जाता है और प्यार के नशे में वह नवाब के सामने कबूल लेता है कि वह ड्राइवर बनकर उनके घर में क्यों आया है।  बेगम और नवाब दोनों ही बबलू का उपयोग अपने स्वार्थ के लिए करना चाहते हैं। बेगम चाहती हैं कि वह उस रखैल का खून कर दे जिसके नवाब साहब दीवाने हैं। नवाब चाहते हैं कि गेंदा सिंह का नामोनिशान मिटा दिया जाए। बबलू तैयार तो है लेकिन उसकी भी शर्ते हैं। वह बेगम को अपनाना चाहता है और नवाब साहब का रुतबा मांग बैठता है। बेगम डर जाती है क्योंकि उसे लगता है कि बबलू, नवाब साहब को मार सकता है। किस तरह से यह त्रिकोण सुलझता है यह फिल्म में उतार-चढ़ाव के साथ दिखाया गया है। 

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