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Sunday, December 25, 2011

रंगकर्मी और फिल्मकार सत्यदेव दुबे का निधन

मुंबई. (देश दुनिया). देश के शीर्षस्थ रंगकर्मी और फिल्मकार सत्यदेव दुबे का रविवार को मुंबई में निधन हो गया. वे सितंबर महीने से दौरा पड़ने के बाद से ही कोमा में थे और एक अस्पताल में भर्ती थे. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में 1936 में जन्मे सत्यदेव दुबे देश के उन विलक्षण नाटककारों में थे, जिन्होंने भारतीय रंगमंच को एक नई दिशा दी. धर्मवीर भारती के नाटक अंधा युग को सबसे पहले सत्यदेव दुबे ने ही लोकप्रियता दिलाई. इसके अलावा गिरीश कर्नाड के आरंभिक नाटक ययाति और हयवदन, बादल सरकार के एवं इंद्रजीत और पगला घोड़ा, मोहन राकेश के आधे अधूरे और विजय तेंदुलकर के खामोश अदालत जारी है जैसे नाटकों को भी सत्यदेव दुबे के कारण ही पूरे देश में अलग पहचान मिली. उन्होंने अंकुर, निशांत, भूमिका, जुनून, कलयुग, आक्रोश, विजेता, मंडी जैसी कई फिल्मों की पटकथा और संवाद लिखे. उन्हें 1979 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, भूमिका की पटकथा लिखने के लिये 1978 में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, 1980 में जूनून के संवाद लेखन के लिये फिल्मफेयर पुरस्कार के अलावा इसी वर्ष उन्हें पद्म भूषण सम्मान भी दिया गया था

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