मुंबई. (देश दुनिया). फिल्म निर्देशक शकील जकारिया नूरानी ने 1993 के ब्लास्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से संजय दत्त को दी गई जमानत का विरोध किया है। नूरानी ने इस संबंध में पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। उल्लेखनीय है कि "जान की बाजी" फिल्म को लेकर नूरानी और संजय दत्त पहले भी भिड़ चुके हैं। नूरानी का आरोप है कि संजय दत्त के कारण उनकी फिल्म पिछले नौ साल से अटकी पड़ी है। नूरानी का कहना है कि 50 लाख रूपए एडवांस में लेने के बावजूद संजय दत्त फिल्म की शूटिंग के लिए तारीख नहीं दे रहे हैं। इस को लेकर नूरानी ने इंडियन मोशन पिक्चर्स प्रोडयूसर्स एसोशिएशन से गुहार लगाई थी। आईएमपीएए ने संजय दत्त को नूरानी फिल्म कॉरपोरेशन को फिल्म की शूटिंग के लिए 30 तारीख देने या फिर कंपनी को हुए नुकसान की भरपाई करने को कहा था। इस मामले को लेकर नूरानी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि आईएमपीएए के आदेश को लागू करवाने के लिए जब वह बॉम्बे हाईकोर्ट गए तो 25 जनवरी को उन्हें कराची से दो बार फोन आया। इसमें संजय दत्त के खिलाफ केस को वापस लेने या फिर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई थी। नूरानी का कहना है कि संजय दत्त के कहने पर ही उसे कराची से धमकी भरे फोन किए गए थे। इसी आधार पर नूरानी ने कहा कि संजय दत्त जमानत का दुरूपयोग कर रहे हैं इसलिए उनकी बेल को रद्द की जानी चाहिए। वहीं संजय दत्त के वकील मुकूल रोहतगी और हरीशंकर ने नूरानी की इस दलील का विरोध करते हुए कहा कि शूटिंग विवाद का पैंडिंग क्रिमिनल अपील से कोई लेना देना नहीं है।
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