मुंबई. (देश दुनिया). पटकथा लेखक व अभिनेता नलिन रंजन सिंह ने अपनी फिल्म ‘डियर फ्रेंड हिटलर’ का शीर्षक बदलकर ‘गांधी टू हिटलर’ कर दिया है। नलिन कहते हैं कि पश्चिमी मीडिया भले ही कहे कि उनकी यह फिल्म हिटलर का महिमामंडन है, लेकिन उनके अनुसार यह गांधीगिरी को गौरवान्वित करती है। नलिन ने कहा, "सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी अहिंसक आंदोलन में देशभर के युवाओं ने जिस तरह से बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, उसे देखते हुए लगा कि अब भी गांधीगिरी लोगों के दिलो-दिमाग पर छाई हुई है। इसलिए मैंने अपनी फिल्म के भारतीय संस्करण का नाम बदलकर ‘गांधी टू हिटलर’ कर दिया।" 11 मई से शुरू होने जा रहे 64वें कान फिल्म महोत्सव में भी इसका प्रदर्शन होगा। यह फिल्म द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान महात्मा गांधी द्वारा जर्मनी के तानाशाह एडॉल्फ हिटलर को लिखे गए दो खतों को आधार बनाकर बनाई गई है। नलिन कहते हैं कि ‘डियर फ्रेंड हिटलर’ शीर्षक के कारण पश्चिमी मीडिया ने इसे हिटलर को गौरवान्वित करने वाली फिल्म समझ लिया था, लेकिन बर्लिन महोत्सव में इसके प्रदर्शन के बाद उनके सारे संदेह दूर हो गए हैं। वे कहते हैं कि दरअसल फिल्म को जो शीर्षक दिया गया है, गांधी ने अपने खतों में हिटलर को वही कहकर सम्बोधित किया था और इस शीर्षक को चुनने की वजह भी केवल यही थी। भारत में यह फिल्म बदले हुए नाम के साथ जून के आखिर में प्रदर्शित होगी लेकिन विदेशों में इसे अपने पुराने नाम से ही इतनी लोकप्रियता मिल गई है कि इसके वहां प्रदर्शित होने वाले संस्करणों का शीर्षक ‘डियर फ्रेंड हिटलर’ ही रहेगा। नलिन कहते हैं, "मैं इस फिल्म के जरिए विश्व शांति का संदेश देना चाहता था। मेरी यह फिल्म दर्शकों को चुनाव प्रणाली परिवर्तित करने की आवश्यकता पर सोचने को मजबूर करेगी।" वे कहते हैं कि यदि चुनाव में होने वाले खर्च की जिम्मेदारी राज्य या केंद्र सरकार उठाए तो उम्मीदवारों को पूंजीपतियों की मदद नहीं लेनी पड़ेगी और अच्छे लोग भी राजनीति की दुनिया में कदम रख सकेंगे।‘गांधी टू हिटलर’ की पटकथा नलिन ने लिखी है और उन्होंने इसमें हिटलर के प्रचार मंत्री जोएबल्स की भूमिका भी निभाई है। हिटलर की भूमिका में रघुवीर यादव हैं। ईवा ब्रॉन की भूमिका नेहा धूपिया ने निभाई है। राकेश रंजन कुमार ने इसका निर्देशन किया है और अनिल शर्मा इसके निर्माता हैं।
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Tuesday, May 10, 2011
‘डियर फ्रेंड हिटलर’ का शीर्षक बदला
मुंबई. (देश दुनिया). पटकथा लेखक व अभिनेता नलिन रंजन सिंह ने अपनी फिल्म ‘डियर फ्रेंड हिटलर’ का शीर्षक बदलकर ‘गांधी टू हिटलर’ कर दिया है। नलिन कहते हैं कि पश्चिमी मीडिया भले ही कहे कि उनकी यह फिल्म हिटलर का महिमामंडन है, लेकिन उनके अनुसार यह गांधीगिरी को गौरवान्वित करती है। नलिन ने कहा, "सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी अहिंसक आंदोलन में देशभर के युवाओं ने जिस तरह से बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, उसे देखते हुए लगा कि अब भी गांधीगिरी लोगों के दिलो-दिमाग पर छाई हुई है। इसलिए मैंने अपनी फिल्म के भारतीय संस्करण का नाम बदलकर ‘गांधी टू हिटलर’ कर दिया।" 11 मई से शुरू होने जा रहे 64वें कान फिल्म महोत्सव में भी इसका प्रदर्शन होगा। यह फिल्म द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान महात्मा गांधी द्वारा जर्मनी के तानाशाह एडॉल्फ हिटलर को लिखे गए दो खतों को आधार बनाकर बनाई गई है। नलिन कहते हैं कि ‘डियर फ्रेंड हिटलर’ शीर्षक के कारण पश्चिमी मीडिया ने इसे हिटलर को गौरवान्वित करने वाली फिल्म समझ लिया था, लेकिन बर्लिन महोत्सव में इसके प्रदर्शन के बाद उनके सारे संदेह दूर हो गए हैं। वे कहते हैं कि दरअसल फिल्म को जो शीर्षक दिया गया है, गांधी ने अपने खतों में हिटलर को वही कहकर सम्बोधित किया था और इस शीर्षक को चुनने की वजह भी केवल यही थी। भारत में यह फिल्म बदले हुए नाम के साथ जून के आखिर में प्रदर्शित होगी लेकिन विदेशों में इसे अपने पुराने नाम से ही इतनी लोकप्रियता मिल गई है कि इसके वहां प्रदर्शित होने वाले संस्करणों का शीर्षक ‘डियर फ्रेंड हिटलर’ ही रहेगा। नलिन कहते हैं, "मैं इस फिल्म के जरिए विश्व शांति का संदेश देना चाहता था। मेरी यह फिल्म दर्शकों को चुनाव प्रणाली परिवर्तित करने की आवश्यकता पर सोचने को मजबूर करेगी।" वे कहते हैं कि यदि चुनाव में होने वाले खर्च की जिम्मेदारी राज्य या केंद्र सरकार उठाए तो उम्मीदवारों को पूंजीपतियों की मदद नहीं लेनी पड़ेगी और अच्छे लोग भी राजनीति की दुनिया में कदम रख सकेंगे।‘गांधी टू हिटलर’ की पटकथा नलिन ने लिखी है और उन्होंने इसमें हिटलर के प्रचार मंत्री जोएबल्स की भूमिका भी निभाई है। हिटलर की भूमिका में रघुवीर यादव हैं। ईवा ब्रॉन की भूमिका नेहा धूपिया ने निभाई है। राकेश रंजन कुमार ने इसका निर्देशन किया है और अनिल शर्मा इसके निर्माता हैं।
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