नई दिल्ली. (देश दुनिया). फिल्मकार और आनेवाली यूएफओ 0110 अंतर्राष्ट्रीय डिजिटल फिल्म समारोह की निदेशक मधुरिता आनंद का कहना है कि डिजिटल सिनेमा का प्रारूप युवा और नई प्रतिभाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह सात दिवसीय डिजिटल सिनेमा समारोह 23 फरवरी से एक मार्च तक चलेगा। यह समारोह तीसरी बार आयोजित किया जा रहा है। मधुरिता ने कहा, डिजिटल सिनेमा के माध्यम से हम दुनिया भर के सिनेमा में आ रहे नए बदलावों पर ध्यान दे रहे हैं। इसका मुख्य उद्देश्य नई चिंतन प्रक्रिया को प्रोत्साहित करना है क्योंकि मुझे लगता है कि समय आ गया है कि भारत में नए सिनेमा की लहर अपनी जगह ले।इस फिल्म समारोह में प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय निर्देशकों की दो थ्रीडी फिल्में दिखाई जाएंगी। ए फिल्में दक्षिण-पूर्व एशिया में पहले कभी नहीं दिखाई गई हैं। मधुरिता ने कहा, मैं खुश हूं कि इस फिल्म समारोह के माध्यम से मैंने अंतरराष्ट्रीय फिल्मकारों की कुछ बेहतरीन फिल्में यहां लाने की कोशिश की है। इन फिल्मों से छोटे शहरों और समुदायों से आने वाले उभरते फिल्मकारों को नई सिनेमा तकनीक सीखने में मदद मिलेगी। ननफिल्म समारोह छह हिस्सों में बांटा जाएगा जिसमें फीचर फिल्में, शॉर्ट फिक्शन फिल्में, डॉक्यूमेंट्री, एनिमेशन और स्पेशल इफेक्ट्स, स्टूडेंट फिल्म सेक्शन और डिजिटल आर्ट सेक्शन शामिल है। मधुरिता ने कहा, डिजिटल सिनेमा को भविष्य का सिनेमा माना जाता है जबकि यह वर्तमान का सिनेमा है। आज लगभग हर निर्देशक अपनी फिल्म के डिजिटल प्रिंट्स रिलीज कर रहा है। फिल्म समारोह के अलग-अलग हिस्से इस माध्यम को समझने में हमारी मदद करेंगे। मधुरिता की पहली फिल्म मेरे ख्वाबों में जो आए 2009 में रिलीज हुई थी। वह अब अपनी दूसरी फिल्म पर काम कर रही हैं। उन्होंने कहा, मैं कजरिया फिल्म पर काम कर रही हूं। यह फिल्म दो औरतों की कहानी पर आधारित है जिनमें से एक गांव में रहती है और दूसरी शहर में।
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