मुम्बई.भारतीय सेंसर बोर्ड की निवर्तमान अध्यक्ष शर्मिला टैगोर भारत में फिल्मों की एक नई श्रेणी 15 प्लस बनाना चाहती हैं यानि ऐसी फिल्म जिन्हें 15 साल से ज्यादा की उम्र वाले दर्शक देख सकें. 15 प्लस की यह श्रेणी यू/ए और ए श्रेणी के बीच में होनी चाहिए. फिलहाल भारत में फिल्मों को चार श्रेणियों में बांटा गया है. ये हैं यू, यू/ए, ए और एस. इनमें यू श्रेणी की फिल्मों को हर उम्र के दर्शक देख सकते हैं. यू/ए श्रेणी की फिल्में भी हर उम्र के दर्शकों के लिए होती हैं लेकिन हो सकता है कि उनके कुछ दृश्य 12 साल के कम उम्र के बच्चों के लिए ठीक न हों. वहीं ए श्रेणी की फिल्में 18 साल के ज्यादा उम्र के दर्शकों के लिए होती हैं. एस श्रेणी की फिल्म विशेष दर्शकों के लिए होती हैं, मसलन डॉक्टरों के लिए.टैगोर उन फिल्मकारों से सहमत नहीं हैं जो सेंसर बोर्ड पर सवाल उठाते हैं. वह कहती हैं कि सिनेमा के मानकों को बनाए रखना बहुत जरूरी है क्योंकि भारत में अलग अलग इलाकों में अलग अलग संवेदनशीलताएं होती हैं.
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