Total Pageviews

Thursday, August 4, 2011

लोर्कानों महोत्सव में रहेगी भारतीय फिल्मों की धूम

मुंबई.(देश दुनिया). स्विटजरलैंड में बर्फ से ढंकी हुई आल्पस की खूबसूरत चोटियों की तलहटी में बसे लोर्कानो शहर में बुधवार से शुरू 64वें लोर्कानों फिल्म महोत्सव में भारतीय फिल्मों की धूम रहेगी। यूरोपीय देशों के बेहद लोकप्रिय इस फिल्म समारोह में इस वर्ष भारत को एक खास स्थान दिया गया है और सत्यजीत रे, रित्विक घटक, राज कपूर, श्याम बेनेगल, अपर्णा सेन एवं अडूर गोपालकृष्णन के अलावा सात अन्य भारतीय निर्देशकों की आर्ट फिल्मों का मंचन किया जाएगा। लोर्कानो फिल्म महोत्सव से जुडे सूत्रों ने बताया कि यहां के सबसे बड़े ओपन एयर थिएटर प्याजा ग्रांडे में स्थानीय समयानुसार रात 9.30 बजे यह फिल्म महोत्सव स्टीवेन स्पीलबर्ग की फिल्म सुपर 08 के प्रदर्शन के साथ शुरूहुआ। इस फिल्म का निर्देशन जेजे अब्राम्स ने किया है। यह महोत्सव 13 अगस्त तक चलेगा। इस वर्ष के लोर्कानो में भारतीय फिल्मों को काफी तवज्जो दी गई है। भारतीय नव यथार्थवादी सिनेमा के आधार स्तंभ माने जाने वाले बंगाली फिल्म निर्देशक सत्यजीत रे की चार-चार फिल्मों का मंचन यहां किया जाएगा जिनमें चारूलता, महानगर, महापुरूष और नायक शामिल हैं, इसके अलावा रे के समकालीन रहे बंगाली यथार्थवादी सिनेमा के अग्रणी निर्देशक रित्विक घटक की बेहद लोकप्रिय फिल्म मेघे ढका तारा इस महोत्सव में अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों के सामने पेश की जाएगी। अडूर गोपालकृष्णन की मलयालम फिल्म निझालकुट्टु भी इस दौरान लोर्कानो के ओपन एयर थिएटर की खास शान होगी। सांप्रदायिक दंगो के दौरान मानवीय संबंधों की कहानी कहने वाली बंगाली फिल्म निर्देशिका अपर्णा सेन की मिस्टर एंड मिसेज अय्यर को भी लोकार्नो में दिखाना तय किया गया है। भारतीय सिनेमा के शोमैन कहे जाने वाले राजकपूर की फिल्म आग, श्याम बेनेगल की मंथन, चेतन आनंद की क्लासिक नीचा नगर, गुरू दत्त की प्यासा, विक्रमादित्य मोठवानी की उडान, असमिया निर्देशक जानू बरूआ की कैटास्ट्रोफे, कन्नड निर्देशक गिरीश कसारवल्ली की कनासेंबा कुदुरयेनारी, मराठी निर्देशक उमेश कुलकर्णी की वलू और तेलुगू निर्देशक रजनीश दोमलापल्ली की वनाजा भी प्रदर्शित की जाएगी। इस महोत्सव में 2011 में मिस्र में हुई जनक्रांति पर बनी फिल्म तहरीर भी खास आकर्षण का केन्द्र रहेगी। इसके अलावा केविन कोस्नर की डांसेस विद द वुल्वस, विंसेट मिनेली की बेल्स आर रिंगिग, रूसी निर्देशक आंद्रई तार्कोवस्की की आंद्रे रूबलेव और नाजी तानाशाह हिटलर के अंतिम दिनों का चित्रण करने वाली फिल्म डाउनफाल भी इस महोत्सव में दिखाई जानी फिल्मों में खास पेशकश रहेंगी। फिल्म अभिनेता कबीर बेदी, अडूर गोपालकृष्णन इत्यादि इस वर्ष के लोर्कानो के मेहमानो की उस लंबी फेहरिस्त का हिस्सा हैं जिसमें डेनियल क्रेग, हैरिसन फोर्ड और गेरार्ड देप्रादेयु जैसे अंतर्राष्ट्रीय सिनेमा के बडे नाम शुमार हैं। उल्लेखनीय है कि 1946 में शुरू हुए लोर्कानो फिल्म महोत्सव का एक लंबा इतिहास रहा है और इसके मंच से अंतर्राष्ट्रीय सिनेमा में अपना लोहा मनवा चुकी कई बेहद लोकप्रिय फिल्मों ने अपनी शुरूआत की है। इस महोत्सव में विजयी रहने वाली फिल्म को गोल्डन लिओपार्ड के खिताब से नवाजा जाता है और इसके खासे आकर्षण के केन्द्र में इसका सबसे बड़ा ओपन एयर थिएटर प्याजा ग्रांडे रहता है। 

No comments:

Post a Comment