मुंबई. फिल्मकार और अभिनेता गुरूदत्त की फिल्म "प्यासा" और कमल हसन के बेहतरीन अभिनय से सजी "नायकन" को प्रतिष्ठित टाइम पत्रिका ने अपनी सर्वकालीन 100 सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में शुमार किया है। सूची में इन दोनों फिल्मों के अतिरिक्त दस सर्वश्रेष्ठ परफार्मेस के लिए राजकपूर "आवारा" और दस सर्वश्रेष्ठ साउंडट्रैक के लिए मणिरत्नम की "रोजा" को भी चुना है। इन फिल्मों और अभिनेताओं का चयन टाइम के फिल्म आलोचक रिचर्ड कोर्लिस और रिचर्ड शिकल ने किया है। गुरूदत्त की ब्लैक एंड व्हाइट कालजयी फिल्म "प्यासा" 1957 में बनी थी और यह आज भी बॉलीवुड की सर्वश्रेष्ठ कृतियों में से एक है। भारतीय सिनेमा में 1950 का दशक स्वर्ण युग माना जाता है। आजादी मिलने के बाद भारतीय सिनेमा भी बदलाव के दौर से गुजर रहा था। सत्यजीत रे जहां भारतीय कला सिनेमा को नई ऊंचाइयां दे रहे थे, वहीं राज कपूर की "आवारा", महबूब खान की "मदर इंडिया" और बिमल राय की "दो बीघा जमीन" ने भी भारतीय जनमानस को झकझोर दिया था।
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